एक बूँद में डूब जाऊँगा - दीपक सलवान
एक बूँद में डूब जाऊँगा
यूँ तो आँखें इंतज़ार में रहती हैं तेरा चेहरा देखने के लिए,
पर समझ नहीं आता के तुझे अलविदा कैसे कह पाऊंगा,
यूँ तो तेरे साथ चला एक कदम भी मंज़िल लगता है,
पर तेरी उम्मीद के सहारे यह सफर अकेले नहीं कर पाऊंगा,
यूँ तो तेरे पास होने से रूह ज़िंदा महसूस करती है,
पर तेरे पास न होने का एहसास इस दिल को कैसे समझाऊंगा,
यूँ तो एक समंदर लिए बैठा हूँ अपने दिल में,
पर कभी लगता है की बस एक बूँद में डूब जाऊँगा,
यूँ तो मंज़िल नहीं इन राहों की जिस पे वक़्त ले आया है,
पर नहीं पता के इन राहों से क़दमों को कैसे मोड़ पाऊँगा
what a line yaar.. fabilous
ReplyDeleteयूँ तो एक समंदर लिए बैठा हूँ अपने दिल में,
पर कभी लगता है की बस एक बूँद में डूब जाऊँगा,
Wow... loved this... the hope and pain together are a recipe for teary eyes and you have bundled them so well. Reading it multiple times ❤️
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